21 Jan 2021 चंदौली। काशीलाइव पीडीडीयूनगर: ...
21 Jan 2021 गोरखपुर। काशीलाइव (Kashilive.com) रे...
20 January 2021 वाराणसी। काशीलाइव लखनऊ के वि...
21 January 2021 हिस्ट्रीशीटर शुभम की हत्या का ...
21 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) सा...
20 January 2021 राजनैतिक कार्यकर्ताओं के उत्प...
18 जनवरी 2021 वाराणसी। काशीलाइव नियम- ...
15 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) ज...
21 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) सं...
18 January 2021 वाराणसी। काशीलाइव कोरोनका...
16 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव राष्ट्रीय ...
12 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) प्...
टीबी के मरीजों को घर-घर जाकर चयनित करन...
13 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) मक...
13 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) रा...
12 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) राष...
9 Jan 2021 काशीलाइव। काशीलाइव (Kashilive.com) वि...
21 Jan 2021 पुणे। काशीलाइव (Kashilive.com) पुणे स...
21 Jan 2021 नई दिल्ली। काशीलाइव (Kashilive.com) क...
18 जनवरी 2021 तस्करी कर पूर्वाेत्तर राज्...
15 Jan 2021 पुणे। काशीलाइव (Kashilive.com) पुणे स...
16 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव प्रधानमंत्र...
15 Jan 2021 मुंबई। काशीलाइव (Kashilive.com) Bigg Boss-14 ...
युवाओं में साहित्य-संस्कृति के प्रति ...
29 Dec 2020 चेन्नई। काशीलाइव (Kashilive.com) साउथ ...
वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) बनारस में ...
8 Jan 2021 काशीलाइव (Kashilive.com) कहते हैं दुनिय...
27 December 2020 वाराणसी। काशीलाइव कोरोना ...
22 December 2020 नई दिल्लीा। काशीलाइव (Kashilive.com) ...
21 December 2020 कोरोना के नए स्ट्रेन से सह...
16 January 2021 गुमशुदगी की आड़ में अपने तो नही...
16 Jan 2021 चन्दौली। काशीलाइव जिला पुलिस न...
15 Jan 2021 गया। काशीलाइव (Kashilive.com) डीडीयू ...
आइए जानते हैं उनके बारे में जिन्हें मि...
राष्ट्रीय अध्यक्ष प्रवेश कहार ने कहा- ...
पूर्व आईएएस एके शर्मा ने कल ली थी पार्...
12 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) अल...
12 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) रा...
11 January 2021 वाराणसी। काशीलाइव लखनऊ में ब...
11 January 2021 वाराणसी। काशीलाइव प्रधानमंत...
4 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) मकर...
02 Jan 2021 लखनऊ। काशीलाइव (Kashilive.com) यूपी बोर...
राघव राम वर्मा एडवोकेट की जयंती पर हुआ...
वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) संत रविदा...
जॉन अब्राहम का है मदन मोहन मालवीय से ख...
वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) भारत रत्न ...
4 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) विज...
4 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) गंग...
31 Dec 2020 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) मिशन ...
30 Dec 2020 मिर्जापुर। काशीलाइव (Kashilive.com) ...
राज्य सेतु निगम की लापरवाही के चलते जल...
13 Jan 2021 ठाणे। काशीलाइव (Kashilive.com) महारा...
13 Jan 2021 मुजफ्फरपुर। काशीलाइव (Kashilive.com) ...
12 January 2021 काशीलाइव (Kashilive.com) बिहार के मोत...
12 Jan 2021 नई दिल्ली। काशीलाइव (Kashilive.com) द...
13 Jan 2021 वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) को...
11 January 2021 वाराणसी। काशीलाइव गंगा में क...
9 Jan 2021 भोपाल। काशीलाइव (Kashilive.com) कोरोन...
9 January 2021 मिर्जापुर। काशीलाइव (Kashi...
6 Jan 2021 चंदौली। काशीलाइव (Kashilive.com) राज्य...
वाराणसी: मॉडल से सशक्त अभिनेता के रूप ...
वाराणसी। काशीलाइव (Kashilive.com) काशी के गं...
मुंबई। काशीलाइव (Kashilive.com) बॉलीवुड की द...
मनोज द्विवेदी (मिर्जापुर)। काशीलाइव ...
वाराणसी। काशीलाइव मिर्जापुर में भ...
- पापुलर वेबसीरीज मिर्जापुर-2 के विरोध ...
21 December 2020 वाराणसी। काशीलाइव (kashilive.com) प...
वाराणसी। काशीलाइव (kashilive.com) हाईटेक पुलि...
काशीलाइव। डेस्क कोरोना के बाद से ही स...
वाराणसी । काशीलाइव कोरोना के दू...
काशीलाइव। डेस्क Twitter की engagement rankings में पी...
काशीलाइव। डेस्क कोरोना के बढ़ते मामल...
अनुराग श्रीवास्तव। काशीलाइव
कुख्यात माफिया डाॅन मुन्ना बजरंगी जिसकी एक समय पूर्वांचल क्या पूरे उत्तर प्रदेश में तुती बोलती थी। वह पूर्वांचल के सबसे बड़े गैंगवार में महज एक शूटर के किरदार में था। यह गैंगवार था मुख्तार अंसारी और माफिया से माननीय बने बृजेश सिंह में। उस वक्त प्रेम प्रकाश सिंह उर्फ मुन्ना ने नया-नया जरायम की दुनिया में कदम रखा था। अपने बेखौफ अंदाज के चलते वह तेजी से जरायम की दुनिया में कदम बढ़ाता चला गया। ऐसे में दोनों गिरोहों के बीच चल रही अदावत में उसकी जरूरत महसूस की जाने लगी। मुख्तार गैंग ने मुन्ना को समझा और अपनी गैंग में शामिल कर लिया। पिछले दिनों बागपत जेल में मुन्ना बजरंगी की हत्या में भले ही पश्चिम उत्तर प्रदेश के माफिया का नाम आ रहा हो लेकिन कहीं न कहीं लोग इसे यूपी के अब तक के सबसे बड़े गैंगवार की कड़ी मान रहे हैं। ऐसे में यह कोई बड़ी बात नहीं होगी कि पूर्वांचल की धरती एक और बार रक्त रंजीत हो और लाशों के ढेर लोगों के सामने। आईए जानते हैं पूर्वांचल के सबसे बड़े गैंगवार की कहानी...
यह भी पढ़ेंः Inside Story: काशी के कप्तान ने बिछाई थी बिसात, फंस गए थे शातिर किट्टू और मोनू
दरअसल करीब तीन दशक में यूपी के दो बड़े माफिया बृजेश सिंह और मुख्तार अंसारी के बीच वर्चस्व की जंग में न जाने कितनी लाशें गिर चुकी हैं। कहा जाता है कि इस गैंगवार में कभी मुन्ना बजरंगी को बृजेश की कमर तोड़ने के लिए इस्तेमाल किया गया तो कभी मुख्तार पर जानलेवा हमला हुआ। गैंगवार की इस कहानी में एके-47 से लेकर सियासी रंजिशें और जेल में हत्या से लेकर बीच बाजार में चलती गोलियां शामिल हैं।
यह भी पढ़ेंः लखनऊ में हो रही जिस पुलिस वाले के बेटे पीके की तलाश, बनारस में मौज काटकर हो गया फिर गायब
पिता की हत्या ने पैदा कर दिया गैंगस्टर
यह कहानी शुरू होती है गाजीपुर से। बृजेश सिंह बनारस से बीएससी कर रहा था। मूलरूप से वह गाजीपुर के धौरहरा का रहने वाला था। 80 के दशक में गाजीपुर में बृजेश के पिता रवींद्र सिंह की हत्या कर दी गई। आरोप लगा कि प्रधानी के चुनाव और जमीन की रंजिश में ये हत्या की गई। इस जघन्य हत्याकांड में गांव के ही हरिहर सिंह और पांचू सिंह, लातूर सिंह उर्फ ओम प्रकाश ठाकुर और नरेंद्र सिंह, ग्राम प्रधान रघुनाथ पर आरोप लगा। इसी के बाद बृजेश सिंह ने पढ़ाई छोड़ दी।
यह भी पढ़ेंः जब हनुमान ने काटी चोटी और माफिया मुख्तार बोला जय श्रीराम
पूर्वांचल में पहली बार एके-47 की गूंज
1985 में पांचू के पिता हरिहर सिंह को गोलियों से भून दिया गया। इसमें बृजेश का नाम लोगों के सामने आया। इसके बाद कचहरी में धौरहरा के ग्राम प्रधान रघुनाथ को भी सरेआम गोलियों से भून दिया। लोगों का कहना था कि इस घटना को भी बृजेश सिंह ने ही अंजाम दिया था। कहा जाता है कि यह एक ऐसा समय था जब पूर्वांचल में पहली बार एके-47 गूंजी था। उधर पुलिस भी सक्रिय हुई और एक एनकाउंटर में नामी बदमाश पांचू भी मारा गया लेकिन इसके बाद भी हत्याओं का सिलसिला थमा नहीं।
यह भी पढ़ेंः पुलिस की पिस्टल लेकर हत्या करने निकला था कृष्णानंद राय हत्याकांड का आरोपी हनुमान
1985 में ही बनारस के चौबेपुर पुलिस थाने के सिकरौरा गांव में 6 लोगों को मार दिया गया। उस गैंगवार में बृजेश को भी गोली लग गई। इस बार वो पकड़ा गया। पुलिस कस्टडी में वो अस्पताल में भर्ती रहा और वहीं से भाग निकला। उसके बाद हाथ नहीं आया इसके बाद बृजेश सिंह के गैंग ने कई कारोबार में हाथ आजमाना शुरू किया। इनमें रेलवे स्क्रैप के ठेके, शराब, कोयला, प्रॉपर्टी के काम प्रमुख थे।
यह भी पढ़ेंः काशी से है बैंडिट क्वीन फूलन के हत्यारे का खास कनेक्शन
यहां से मुख्तार और बृजेश सिंह गैंग आए आमने-सामने
बताया जाता है कि जेल में बृजेश की मुलाकात त्रिभुवन सिंह से हुई। त्रभुवन सिंह की अदावत मकनू सिंह और साधु सिंह गैंग से थी। मुख्तार अंसारी के संबंध मकनू सिंह गैंग से थे। इन पर त्रिभुवन सिंह के पिता की हत्या का आरोप था, वहीं 1988 में इसी गैंग पर त्रिभुवन सिंह के भाई हेड कॉन्स्टेबल राजेंद्र सिंह की हत्या का भी आरोप लगा। इस मामले में साधु सिंह और मुख्तार अंसारी नामजद किए गए।
इसी बीच साधु सिंह गिरफ्तार हो गया और जेल चला गया, लेकिन रंजिश खत्म नहीं हुई। आरोप है कि बृजेश सिंह और उसके गैंग ने पुलिस यूनिफॉर्म में साधु सिंह की हत्या कर दी। यही नहीं उसके परिवार के 8 सदस्यों को मुदियार गांव में मार दिया गया। इन लगातार हत्याओं के बाद बृजेश सिंह गैंग धीरे-धीरे मजबूत होता चला गया। उसकी धमक यूपी से बाहर भी महसूस की जाने लगी। बिहार, झारखंड से लेकर गुजरात, महाराष्ट्र तक उसने कई घटनाओं को अंजाम दिया।
यह भी पढ़ेंः जिगोलो बनने की चाह कर सकती है आपको कंगाल
सुभाष ठाकुर से हाथ मिला बृजेश हुआ और खूंखार
इसी दौरान ब्रजेश ने अंडरवर्ल्ड डॉन सुभाष ठाकुर से हाथ मिला लिया। सुभाष दाऊद का नजदीकी था। बताया जाता है कि दाऊद के कहने पर ही बृजेश ने मुंबई में दिनदहाड़े जेजे हॉस्पिटल शूटआउट को अंजाम दिया। जेजे अस्पताल में अरुण गवली गिरोह का हल्दंकर भी मारा गया। माना जाता है कि दाऊद इब्राहिम की बहन हसीना पारकर के पति की हत्या में यही शामिल था। लेकिन मुंबई बम धमाके के बाद दाऊद और सुभाष ठाकुर अलग हो गए। तब बनारस के गैंगवार में भी एक तरफ दाऊद तो दूसरी तरफ सुभाष ठाकुर का दखल दिखने लगी। उधर बृजेश ने खनन के कारोबार में अच्छी पैठ बना ली।
यह भी पढ़ेंः बाहुबलियों के युवराज की ताजपोशी में कांटे ही कांटे
...और शुरू हुई वर्चस्व की जंग
इस बीच गाजीपुर के सैदपुर में एक प्लॉट को हासिल करने के लिए गैंगस्टर साहिब सिंह के गिरोह का दूसरे गिरोह के साथ जमकर झगड़ा हुआ। बृजेश सिंह साहिब सिंह से जुड़ा था। इसी क्रम में उसने 1990 में गाजीपुर जिले के तमाम सरकारी ठेकों पर कब्जा करना शुरू कर दिया। अपने काम को बनाए रखने के लिए बाहुबली मुख्तार अंसारी का इस गिरोह से सामना हुआ।
यह भी पढ़ेंः हवन सामग्री में गया था माफिया डान मुन्ना बजरंगी की मौत का सामान, जानिए किसने किया ये सनसनीखेज खुलासा
अवधेश राय की हत्या से गहरी हो गई दुश्मनी
बनारस में वर्तमान में कांग्रेस नेता अजय राय के भाई अवधेश राय की हत्या 1991 में हो गई। इसमें मुख्तार ग्रुप का नाम सामने आया। अवधेश राय बृजेश के नजदीकी माने जाते थे। इसी के बाद बृजेश से मुख्तार की तल्खी बढ़ गई। वहीं बृजेश के नजदीकी त्रिभुवन और मुख्तार शुरू से ही एक-दूसरे के जानी दुश्मन थे। इसके बाद मुख्तार और ब्रजेश की गैंगवार शुरू हुई, जिसने दर्जनों लोगों की जान लीं।
यह भी पढ़ेंः बाहुबली के परिवार को अंधेरे में रख करा दिया था एक अरब से अधिक की संपत्ति का सौदा
2001 में हुआ मुख्तार अंसारी पर जानलेवा हमला
1996 में मुख्तार अंसारी को पहली बार जनता ने विधानसभा में स्थान दिलाया। इसके बाद बृजेश पर दबाव बढ़ गया। कहा जाता है कि विधानसभा पहुंचने के बाद मुख्तार ने बृजेश के कई करीबियों पर कई हमले हुए। जुलाई 2001 में गाजीपुर के उसरी चट्टी में मुख्तार अंसारी के काफिले पर बड़ा हमला हो गया। लोगों के अनुसार मुख्तार किसी तरह गाड़ी से निकलकर गोलियां चलाते हुए खेतों की तरफ भाग निकला। वहीं इस हमले में मुख्तार के तीन लोग मारे गए। बृजेश सिंह भी इस हमले में घायल हो गया था। इन सब के बीच बृजेश के मारे जाने की अफवाह उड़ने लगी। बृजेश के मरने की अफवाह के बाद बाहुबली मुख्तार अंसारी पूर्वांचल में अकेला गैंग लीडर बनकर उभरा।
यह भी पढ़ेंः सत्ता के गलियारें से गुजरने वाली जरायम की दुनिया में जब गूंजने वाली थी सेना की मशीनगन, मुख्तार के गिरेबां तक पहुंच गया था ये पुलिस वाला
एक शूटर के रूप में पहली बार मुन्ना बजरंगी ने की थी कृष्णानंद राय की हत्या कर मारी थी गैंगवार में इंट्री
इधर दोनों गैंगों की अदावत रंग ला रही थी। वहीं मुन्ना भी धिरे-धिरे जरायम की दुनिया में अपना पैर जमाने लगा था। अपने बेखौफ अंदाज के लिए चर्चाओं में रहने वाले मुन्ना पर जब मुख्तार की नजर पड़ी तो उसने मुन्ना को बतौर एक शूटर कृष्णानंद राय की हत्या में इस्तेमाल किया। कहा जाता है कि भाजपा विधायक कृष्णानंद राय ने बृजेश सिंह की मदद की। 2005 में मुख्तार जेल में बंद था। अक्टूबर 2005 में मऊ में दंगे हुए थे। अंसारी पर खुली जीप में घूमते हुए दंगे भड़काने का आरोप था। हालांकि कोर्ट ने इन आरोपों को खारिज कर दिया गया था। उसी दौरान मुख्तार ने गाजीपुर पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया था। नवंबर 2005 में गाजीपुर-बक्सर के बॉर्डर पर विधायक कृष्णानंद राय को उनके 6 अन्य साथियों के साथ सरेआम गोली मारकर हत्या कर दी गई। इसी मामले में मुख्य आरोपी के रूप में मुन्ना बजरंगी का नाम सामने आया। यही नहीं इस हत्याकांड के महत्वपूर्ण गवाह शशिकांत राय की भी एक साल बाद 2006 में रहस्यमयी परिस्थितियों में मौत हो गई।
यह भी पढ़ेंः जरायम की दुनिया में जातिवाद की जंग, जानिए पूर्वांचल में जाति विशेष के माफिया गुटों को कैसे मिलता है संरक्षण
मुन्ना बजरंगी के दो करीबियों की जेल में हत्या
इसके बाद 2005 में मुन्ना बजरंगी के शार्प शूटर अनुराग त्रिपाठी उर्फ अन्नू त्रिपाठी की वाराणसी जिला जेल में गोली मारकर हत्या कर दी गई। वहीं मुन्ना के करीबी रहे मुख्तार गिरोह के प्रिंस अहमद की 2010 में जेल में हत्या कर दी गई। प्रिंस अहमद कृष्णानंद राय हत्याकांड में मुख्तार और मुन्ना बजरंगी के साथ नामजद था।
यह भी पढ़ेंः यूपी पुलिस के सामने सरेंडर करने से खौफ खाते हैं माफिया, सरेंडर और शूट के सियासी संरक्षण की दिलचस्प है कहानी
एक दशक तक फरार रहने के बाद ओडिशा में पकड़ा गया बृजेश
कृष्णानंद राय की हत्या के बाद बृजेश सिंह गाजीपुर-मऊ इलाके से फरार हो गया। लगभग एक दशक तक फरार रहने के बाद 2008 में वह ओडिशा से गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के कुछ समय बाद ही वह प्रगतिशील मानव समाज पार्टी का हिस्सा बन गया। किसी को नहीं पता था कि वह अरुण कुमार सिंह के नाम से भुवनेश्वर में रहता था। उधर 2008 में मुख्तार अंसारी ने बसपा की ओर वापस रुख किया और दावा किया कि उसे अपराध के केस में फंसाया गया था। बसपा सुप्रीमो मायावती ने मुख्तार को ‘गरीबों का मसीहा’ बताया और जोर-शोर से चुनाव प्रचार शुरू हो गया।
यह भी पढ़ेंः चाट के दुकान पर हुई कुख्यात से यारी, पड़ गई मोनू पर भारी
इसके बाद 2010 में बसपा ने मुख्तार के आपराधिक मामलों को स्वीकारते हुए उसे पार्टी से निकाल दिया। अब मुख्तार ने अपने भाइयों के साथ नयी पार्टी बनाई, कौमी एकता दल। जिससे वह 2012 में मऊ चुनाव जीत गया। 2014 में मुख्तार ने ऐलान किया कि वह बनारस से नरेंद्र मोदी के खिलाफ चुनाव लड़ेगा, लेकिन बाद में उसने ये कह कर आवेदन वापस ले लिया कि इससे वोट सांप्रदायिकता के आधार पर बंट जाएंगे।
इन सब राजनीतिक उठापटक के बीच गैंगवार भी जारी रहा। 4 मई 2013 को बृजेश सिंह के बेहद खास कहे जाने वाले अजय खलनायक पर जानलेवा हमला हुआ। अजय खलनायक की गाड़ी में दर्जनों गोलियां दागी गई थीं। इसके बाद 3 जुलाई 2013 को इनके चचेरे भाई सतीश सिंह की बनारस के थाना चैबेपुर क्षेत्र में ताबड़तोड़ गोलियां चलाकर हत्या कर दी गई।
यह भी पढ़ेंः मुन्ना बजरंगी बनने की थी चाहत, अंत भी ऐसा ही हुआ, जाने एनकाउंटर में ढेर रोशन उर्फ किट्टू की कहानी
बृजेश गुट को लगातार कमजोर करने की वारदातों के बीच जब 3 फरवरी 2014 को लखनऊ के किंग जाॅर्ज मेडिकल काॅलेज में अलग-अलग जेलों से आए मुख्तार अंसारी और मुन्ना बजरंगी मिले तो पूर्वांचल में फिर गैंगवार को लेकर अटकलें लगाई जाने लगीं।
2016 में मुख्तार अंसारी को सपा में शामिल करने की नाकाम कोशिशें हुईं। इसके बाद 2017 विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मुख्तार अंसारी के बड़े भाई अफजाल अंसारी ने अपनी पार्टी कौमी एकता दल का मायावती की पार्टी बसपा में विलय कर दिया। मायावती ने तब मुख्तार के लिए कहा कि वह किसी भी मामले में दोषी साबित नहीं हुए हैं। उधर बृजेश सिंह ने भी विधानपरिषद सदस्य के रूप में अपनी राजनीतिक पारी शुरू की।
यह भी पढ़ेंः शराब के नशे में खुंखार हो जाते थे ये अपराधी, ये हुआ अंजाम
मुन्ना की हत्या के बाद ठंडे पड़ गए हैं दोनों गैंग
बागपत जेल में कुख्यात डाॅन मुन्ना बजरंगी को गोली मारने वाला पश्चिमी यूपी का सुनील राठी भले ही शामिल हो, लेकिन इस बात से भी इन्कार नहीं किया जा सकता कि मुन्ना की हत्या मुख्तार और बृजेश के बीच चल रहे गैंगवार का नतीजा रहा हो, हालांकि मुन्ना बजरंगी की मौत के बाद उसका खुद का गैंग टूटकर बिखर गया, लेकिन ठंडी पड़ी राख के नीचे कहीं ना कहीं एक चिंगारी बाकि है जो पूर्वांचल के हवाओं के साथ एक बार फिर गैंगवार के विकराल आग के रूप में लोगों के सामने आ सकती है।
आरपीएफ-क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा टिकट दलाल, भेजा गया जेल >>
कांग्रेस ने की न्याय पंचायत, ग्राम पंचायत के संगठन निर्माण एवं विस्तार के लिए बैठक >>
उज्जवला एलपीजी पंचायत सक्षम-2021 का आयोजन, बतलाया योजना का लाभ >>
Breaking: कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनी सीरम इंस्टीट्यूट के बिल्डिंग में लगी आग >>
वाह रे: सिपाही के साथ मिलकर दरोगा ने की 30 लाख की लूट, 24 घंटे के अन्दर धराएं तीन >>
मूल्यों, सिध्दांतों और सादगी के पुरोधा माता प्रसाद के निधन से कांग्रेस पार्टी की अपूरणीय क्षति >>
बर्ड फ्लू के डर से नहीं खा रहे हैं चिकन या अंडे तो खाएं ये चीजें, इनमें हैं चिकन-अंडे से ज्यादा प्रोटीन >>
अमेजन से खरीदकर गोबर के उपले को खाया और फिर कहा- काफी बुरा लगा इस केक स्वाद >>
ये कैसा दबाव, किसान नेता को भेज दी गुंडा एक्ट में कार्रवाई की नोटिस >>
माफिया बजरंगी के हत्यारे से जुड़े मुख्तार के करीबी की हत्या के तार, बाहुबली धनंजय से पूछताछ की तैयारी >>